सिमान्कन को छलने के लिए जल्दबाजी मे सम्बिधान सन्सोधन किया गया है । मधेसियो का प्रमुख माग प्रादेशिक सिमान्कन है । मधेसी चाहते है मधेस के जिलों काे मधेश मे ही रखा जाए पर पहाडी शासक मधेस के महत्त्वपूर्ण जिलाें काे काट कर पहाड मे मिलाना चाहता है पर पहाड का एक इन्च जमिन मधेस मे नहि देना चाहते । पहाडिवर्ग मधेस को राजनीतिक व आर्थिक रुप से हमेशा कमजाेर अाैर दास बनाना चाहता है । ईश दाेगले नीति के हि विरूद्ध सारा मधेस पिछ्ले छह महिनो से आन्दोलित है । पर चतुर पहाडी शासक ईस प्राथमिक मुद्दे को ओझल करने हेतु अन्य द्वितीयक मुद्दे को समेटते हुवे जल्दबाजी मे सम्बिधान सन्सोधन करने का नाटक किया है ताकी मधेसी प्रमुख मुद्दा को भुला दे और ईश ललिपप मे भुलकर आन्दोलन छोड्दे । परन्तु इस नाटक मधेश का प्रमुख मुद्दा और माग सम्बोधन न होने के कारण मधेस आन्दोलन थमनेवाली नहि है । मधेसी इसबार झासे मे आनेवाले नहि हैं । सिमान्कन मे जबतक सन्सोधन नहि होगि, झापा, मोरङ्, सुनसरी लगायत का जिला मधेस को वापस नहि दिया जाएगा तबतक मधेस आन्दोलन नहि थमेगी । जय मधेस । जय समाज ।
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