अति न्यून जनसंख्या वाले हिमाली जिलों को आपस जोड (मर्ज) कर जिलों का संख्या ७० कायम करें व मधेसी व पहाडियों का समान मताधिकार कि गारन्टी करें ।
Janapath is a national weekly newspaper of Nepal publishing from Kathmandu.
Wednesday, January 27, 2016
ईतिहास गवाह है, सिर्फ पहाडियाे ने ही नेपाल के साथ गद्दारी किया है ।
शताब्दीयो से जिस समुदाय का मुल्क के साथ घात करने का प्रशस्त ईतिहास है, बर्तमान मे भि जो ऐसे भ्रष्ट कृत्याें मे सराबाेर हाे उसे किसी दुसरे बेदाग समुदाय के राष्ट्रिय निष्ठा पर शक करने का काेई अधिकार नही है । पहाडियाे काे मधेशियाे के राष्ट्रियता पर शंका करने का काेइ हक नही है । ईतिहास गवाह है, सिर्फ पहाडियाे ने ही नेपाल के साथ गद्दारी किया है जिसके चलते अाज नेपाल न सिरफ क्षेत्रफल मे छाेटा हाे के रह गयी है अपितु जाे कुछ स्रोत साधन बाकी रहा वो भि बिदेशी कम्पनियो जे पा गिरवी है । मधेशियाे ने अाजतक काेइ गद्दारी नही किया है । "मधेश प्रदेश बना ताे कलकाे भारत मे मिल जाएगा" पहाडियाे का यह कहना पहाडियाे के मन के चाेर काे दर्शाता है ।
Some of least populated mountain districts sd b merged.
In Nepal, some of least populated mountain districts sd b merged n number sd b reduced to 70 to guarantee Equal Voting Right of Madhesi n Pahadis.
मधेस है तो मधेसियों का सम्मान है, मधेस नहि तो सारे देश मे अपमान है ।
पहाडी षडयन्त्रकारीवर्ग मधेसियों को फुटाने हेतु पुनः जातिगत विभेद का भ्रम फैलारहा है,
कहिँ थारु तो कहिँ मुसलमान को भड्का रहा है,
झा, ठाकुर और यादव को लडा रहा है ।
रहना है सतर्क इनसे, पहले मधेस वापस लेना है,
फिर मधेस मे समानता और सामाजिक न्याय स्थापित करना है ।
इनके झांसे मे आए तो मधेस खो जाएगा,
मधेस हि न रहा तो अपना परिवेश खो जाएगा ।
मधेस है तो मधेसियों का सम्मान है,
मधेस नहि तो सारे देश मे अपमान है ।
चाकडी करना छोडो पहाडियों का स्वाभिमान से जिना सिखो,
देश मे अपना सम्मान और अधिकार लो षडयन्त्र व प्रपन्च के बिरुद्ध चिखो,
जरुरत पड्ने पर इन शोषक खस पहाडियों से लड्ना भि सिखो ।
---- जय समाज, जय मधेस
कहिँ थारु तो कहिँ मुसलमान को भड्का रहा है,
झा, ठाकुर और यादव को लडा रहा है ।
रहना है सतर्क इनसे, पहले मधेस वापस लेना है,
फिर मधेस मे समानता और सामाजिक न्याय स्थापित करना है ।
इनके झांसे मे आए तो मधेस खो जाएगा,
मधेस हि न रहा तो अपना परिवेश खो जाएगा ।
मधेस है तो मधेसियों का सम्मान है,
मधेस नहि तो सारे देश मे अपमान है ।
चाकडी करना छोडो पहाडियों का स्वाभिमान से जिना सिखो,
देश मे अपना सम्मान और अधिकार लो षडयन्त्र व प्रपन्च के बिरुद्ध चिखो,
जरुरत पड्ने पर इन शोषक खस पहाडियों से लड्ना भि सिखो ।
---- जय समाज, जय मधेस
Sunday, January 24, 2016
पहाडीवर्ग मधेस को राजनीतिक व आर्थिक रुप से हमेशा कमजाेर अाैर दास बनाना चाहता है ।
सिमान्कन को छलने के लिए जल्दबाजी मे सम्बिधान सन्सोधन किया गया है । मधेसियो का प्रमुख माग प्रादेशिक सिमान्कन है । मधेसी चाहते है मधेस के जिलों काे मधेश मे ही रखा जाए पर पहाडी शासक मधेस के महत्त्वपूर्ण जिलाें काे काट कर पहाड मे मिलाना चाहता है पर पहाड का एक इन्च जमिन मधेस मे नहि देना चाहते । पहाडिवर्ग मधेस को राजनीतिक व आर्थिक रुप से हमेशा कमजाेर अाैर दास बनाना चाहता है । ईश दाेगले नीति के हि विरूद्ध सारा मधेस पिछ्ले छह महिनो से आन्दोलित है । पर चतुर पहाडी शासक ईस प्राथमिक मुद्दे को ओझल करने हेतु अन्य द्वितीयक मुद्दे को समेटते हुवे जल्दबाजी मे सम्बिधान सन्सोधन करने का नाटक किया है ताकी मधेसी प्रमुख मुद्दा को भुला दे और ईश ललिपप मे भुलकर आन्दोलन छोड्दे । परन्तु इस नाटक मधेश का प्रमुख मुद्दा और माग सम्बोधन न होने के कारण मधेस आन्दोलन थमनेवाली नहि है । मधेसी इसबार झासे मे आनेवाले नहि हैं । सिमान्कन मे जबतक सन्सोधन नहि होगि, झापा, मोरङ्, सुनसरी लगायत का जिला मधेस को वापस नहि दिया जाएगा तबतक मधेस आन्दोलन नहि थमेगी । जय मधेस । जय समाज ।
Monday, January 4, 2016
देखें एमाले, कांग्रेस, माअाेवादी मधेश के प्रती कितना इमानदार है ।
प्रधानमन्त्री द्वारा सम्बिधान सन्सोधन हेतु मधेशी मोर्चा से समुचित प्रस्ताव मागना सकारात्मक है । अगर ओलि जि का इमान जगा हि है तो मस्यौदा देने मे कोइ हर्ज नहि है । देखें एमाले, कांग्रेस, माअाेवादी कितना इमानदार है मधेश के प्रति ।
facebook.com/janapathweekly
facebook.com/janapathweekly
पहाडीयो काे मधेशियाे के राष्ट्रियता पर शंका करने का काेइ हक नही है ।
facebook.com/janapathweeklyशताब्दीयो से जिस समुदाय का मुल्क के साथ घात करने का प्रशस्त ईतिहास है, बर्तमान मे भि जो ऐसे भ्रष्ट कृत्याें मे सराबाेर हाे उसे किसी दुसरे बेदाग समुदाय के राष्ट्रिय निष्ठा पर शक करने का काेई अधिकार नही है । पहाडियाे काे मधेशियाे के राष्ट्रियता पर शंका करने का काेइ हक नही है । ईतिहास गवाह है, सिर्फ पहाडियाे ने ही नेपाल के साथ गद्दारी किया है जिसके चलते अाज नेपाल न सिरफ क्षेत्रफल मे छाेटा हाे के रह गयी है अपितु जाे कुछ स्रोत साधन बाकी रहा वो भि बिदेशी कम्पनियो के पास गिरवी है । मधेशियाे ने अाजतक काेइ गद्दारी नही किया है । "मधेश प्रदेश बना ताे कलकाे भारत मे मिल जाएगा" पहाडियाे का यह कहना पहाडियाे के मन के चाेर काे दर्शाता है ।
Subscribe to:
Posts (Atom)